"जब तक शिक्षक भूखा रहेगा,ज्ञान का सागर सूखा रहेगा ".राज्य के सभी बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा व्यवस्था करना, राज्य का पुनीत कर्तव्य है।इसके लिए राज्य को जीडीपी का 6% शिक्षा पर खर्च करना चाहिए ।
वर्तमान में जीडीपी का लगभग 4% खर्च ही भारत में शिक्षा पर किया जा रहा है।जो बहुत कम है।
शिक्षा किसी भी देश का सबसे बड़ा संसाधन होता है। .बच्चों के सर्वांगीण विकास के माध्यम से ही कोई भी राष्ट्र समुन्नत राष्ट्र हो सकता है।शिक्षा मानव का सबसे बड़ा आभूषण है।
शिक्षा पर निवेश करना सबसे महत्वपूर्ण निवेश है।
"समान काम समान वेतन" की लड़ाई में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ(मूल)S000252 का योगदान सर्वोपरि रहा है।हमारे पूरन कुमार, प्रदेश अध्यक्ष और केशव कुमार, प्रदेश महासचिव शिक्षक हित में लगातार प्रयत्नशील रहे हैं।उनके बल पर अनेक सुविधाओं की प्राप्ति भी हुई है।जो हम सभी शिक्षक भलीभांति जानते हैं।
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