Sunday, August 12, 2018

Explanation of the Brief Summary of the Proceedings of the {SLP (C) - 000020 /2018 of Hon'ble SC, New Delhi}

BSTSC & BTSC MES :>                                                        - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -  (Explanation of the Brief Summary of the Proceedings of the {SLP (C) - 000020 /2018 of Hon'ble SC, New Delhi} :-                               - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - नियोजित शिक्षक साथियों, हमारे अस्तित्व एंव अस्मिता संरक्षण का तात्कालिक ऐतिहासिक न्यायिक महासंघर्ष {SLP (C) - 000020 /2018 of SC, New Delhi}, लगभग पराकाष्ठा पर पहुँच चुका है। Part Heard Matter के रुप में Final Disposal at Admission Stage के स्तर पर माननीय उच्चतम न्यायालय के कोर्ट नं0 11 में माननीय न्यायधीश द्वय अभय मनोहर सप्रे जी एंव उदय उमेश ललित जी द्वारा लगातार सुनवाई (Continuous Hearing), 31 जुलाई 2018 से जारी है।                                                          इस न्यायिक महासंघर्ष के अद्यतन स्थिति की संक्षिप्त समीक्षा का विश्लेषण, मैने इस सन्देश के साथ संलग्न वीडियो में आप सभी आम नियोजित शिक्षकों के सूचनार्थ संप्रेषित करने का प्रयास किया है।                                                                     साथियों, वास्तव में, यह न्यायिक महासंघर्ष समाज के सर्वाधिक प्रबुद्ध वर्ग शिक्षक समुदाय की बौद्धिक स्वच्छता एंव शाषक वर्ग तथा उनकी विकृत मानसिकताओं को परिपूर्ण करने के लिए निरंतर तिकड़मबाजियों का नवनिर्माण करने वाले पदाधिकारियों के बौद्धिक मलीनता के मध्य महाद्वन्द का परिचायक है।                                                                          अब, प्रस्तुत न्यायिक महासंघर्ष के इस स्तर पर माननीय उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायधीश द्वय की यह महती जिम्मेंवारी हैं कि वे यह निर्धारित करें कि समाज के भावी पीढ़ी का नवनिर्माण शिक्षक समुदाय के बौद्धिक स्वच्छ विचारों द्वारा विद्यालयों में संपादित होगा या सत्तावर्ग एवं उनकी दलाली करने वाले पदाधिकारियों के कुत्सित तिकड़मबाजियों द्वारा नेतावर्ग के आम सभाओं में या उनके पदाधिकारियों के कार्यालयों में होगा।                                                माननीय उच्चतम न्यायालय, प्रस्तुत मामले की संजीदगी, व्यापकता एंव महत्व के मद्देनजर 31 जुलाई से  मैराथन निरंतर सुनवाई कर रहा है। पिछले 6 दिनों (31 जुलाई, 1 अगस्त, 2 अगस्त, 7 अगस्त, 8 अगस्त एंव 9 अगस्त 2018) से बिहार सरकार अपने विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ताओं (S.N.Dwivedi, R. C. Dwivedi & Shyam Diwan ) के माध्यम से माननीय उच्चतम न्यायालय में असंवैधानिक नियोजन नियमावली - 2006 एंव इसके संशोधित स्वरुप की संवैधानिक वैधता एंव सार्थकता को संस्थापित करने का प्रयास कर रहा था।                                                                                 इस ऐतिहासिक न्यायिक महासंघर्ष में बिहार सरकार को सैद्धान्तिक रुप से लाभ पहुँचाने की मंशा से कुछ बहुरुपिये शिक्षक संगठन अपने प्रमुख वरिष्ठ अधिवक्ताओं को कोर्ट रुम से बाहर निकालकर आम नियोजित शिक्षकों से वसूले गये सहयोग राशि के बँदरबॉट में पूरी तल्लीनता के साथ व्यस्त रहे । ऐसे अवांछित बहुरुपिये प्रतिवादी पक्ष (Respondent Parties) से सदैव सतर्क रहने की आवश्यकता है, अन्यथा सम्पूर्ण न्यायिक महासंघर्ष की खरीदारी करने में इन्हें थोड़ा भी संकोच नहीं होगा।                                                                             बिहार माध्यमिक शिक्षक संघर्ष समिति (BSTSC) द्वारा अपनायी गयी गोपनीय रणनीतियों के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप 9 अगस्त 2018 को बिहार सरकार ने बड़े नाटकीय अंदाज में कार्य दिवस के अंतिम पहर में लगभग तीन बजे अपने arguments पर विराम लगाया।                     प्रतिवादी पक्ष की ओर से मोर्चा संभालने के लिए वी. एन. सिंहा, डा. राजीव धवन की अनुपस्थिति में BSTSC की तरफ से पूरी तरह  से तैयार थे परन्तु माननीय पी. ए. सुन्दरम जी की उपलब्धता के कारण वे चुप रहे।                                              BSTSC के लीगल सेल की टीम (माननीय राजीव रंजन द्विवेदी, संजीव कुमार, अनिमेश उपाध्याय, अनीश मिश्रा एंव जितेन्द्र त्रिपाठी) द्वारा संविधान विशेषज्ञ एंव वरिष्ठ अधिवक्ता डा. राजीव धवन तथा HC, Patna के सेवानिवृत्त न्यायधीश एंव वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय वी. एन. सिन्हा के निर्देशन में बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा उठाये गये सभी तथ्यों का जबाब माननीय उच्चतम न्यायालय में ससमय एंव अनुकूल वातावरण में प्रस्तुत किया जायेगा।                               साथियों, प्रस्तुत न्यायिक महासंघर्ष {SLP (C) - 000020 /2018} का तात्कालिक स्तर , BSTSC द्वारा वर्ष 2013 से की गयी न्यायिक संघर्ष एंव silent तपस्या का परिणाम है। अतः इस न्यायिक  महासंघर्ष की दुकानदारी किसी भी स्तर पर नहीं होने दी जायेगी। पिछले दिनों, मैं कई बार यह दुहरा चुका हूँ कि मेरी नजर सिर्फ बिहार सरकार एंव भारत सरकार द्वारा तैयार की गई रणनीतियों पर ही नहीं बल्कि 108 शिक्षक समूह, जो प्रस्तुत न्यायिक महासंघर्ष में प्रतीवादी पार्टी बने हैं, उनके कारगुजारियों पर भी है।                                            उपलब्ध संसाधनों के मद्देनजर बेहतर विकल्प के साथ आप सभी के द्वारा समर्पित सहयोग राशि का समुचित सदुपयोग करते हुए वर्तमान न्यायिक महासंघर्ष में विजय प्राप्त करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा।                                                   अतः वैसे सभी नियोजित शिक्षक साथियों, जिनको बिहार माध्यमिक शिक्षक संघर्ष समिति (BSTSC) द्वारा संचालित न्यायिक महासंघर्ष के प्रति आस्था हैं, उन सबसे यह निवेदन है कि आप हमें प्रति सुनवाई प्रति नियोजित शिक्षक, कम से कम 1,000/- अवश्य समर्पित करें ताकि नियोजन रुपी असंवैधानिक दासता का समूल उन्मूलन किया जा सके।                               इस सन्दर्भ में मै आप सबको आश्वस्त कर देना चाहता हूँ कि आपके द्वारा समर्पित सहयोग राशि की कुल रकम, विजयोत्सव के पश्चात पहली मासिक वृद्धि में अवश्य सामंजित हो जायेगी।                                                                                 BSTSC या BTSC की कार्यकारिणी (State Executive Council & State Advisory Council) के वैसे माननीय सदस्य, जिनको संघर्ष समिति द्वारा संचालित न्यायिक महासंघर्ष के प्रति अनास्था है, उनसे नम्र निवेदन है कि वे कृपया अपने आस्था वाले समूह को ही अपना सहयोग एंव अपनी सक्रियता समर्पित करें। BSTSC & BTSC के संघर्ष के प्रति अनास्था रखने वाले प्रबुद्ध एंव माननीय कार्यकारी सदस्यों से मेरी अपील है कि वे अपने अन्तःकरण एंव बौद्धिक स्तर पर आये बदलाव या परिवर्तन की सूचना, मेरे व्यक्तिगत नम्बर पर अवश्य संप्रेषित करें ताकि  संघर्ष समिति, भविष्य में उनसे किसी प्रकार के सहयोग की अपेक्षा  नहीं रखें।                           मै, यहाँ, यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मै तथा मेरी संघर्ष समिति (BSTSC & BTSC) की प्रतिबद्धता नियोजन उन्मूलन से है, किसी खास व्यक्ति, किसी खास सदस्य या किसी खास सदस्य समूह को प्रसन्न या खुश करने से नहीं।                     सहयोग समर्पित करने वाले सभी नियोजित शिक्षकों को मै यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि नियोजन उन्मूलन के वर्तमान न्यायिक महाभियान में यदि आवश्यकता पड़ी तो मैं अकेले भी खड़ा रहकर इस महाभियान को सफल बनाने का हर संभव प्रयास करुँगा!                                                                       

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